आज मैं भी भड़ास का सदस्य बन गया. वर्षों पुरानी इच्छा आज पूरी हो गई.
अनिल
अनिल
हमारी जिंदगी शायद एक पगडंडी की तरह है...जिसमें मुश्किलें हैं, अपनापन है...दर्द और चुभन है तो कहीं प्यार और समझ है...पगडंडी भारत के गांव यानी भारत के आम आदमी को समर्पित है....जिन्हें उजाले में घर देखना बहुत कम नसीब हो पाता है...क्योंकि मुंह अंधेरे लोग परिवार की जरूरत और पेट की खातिर निकल जाते हैं.... तो देर शाम होती है...थकी हारी वापसी...पर नींद तो चैन की आती है.... इन सब के बीच भी एक बदलाव की उम्मीद.....शायद!!!
3 टिप्पणियां:
आपकी वर्षों(?) पुरानी अभिलाषा के पूरा होने पर बधाई.
अच्छी रचना के लिए आभार. हिंदी लेखन के क्षेत्र में आप द्वारा किये जा रहे प्रयास स्वागत योग्य हैं.
आपको बताते हुए हमें हर्ष का अनुभव हो रहा है की भारतीय ब्लॉग लेखक मंच की स्थापना ११ फरवरी २०११ को हुयी, हमारा मकसद था की हर भारतीय लेखक चाहे वह विश्व के किसी कोने में रहता हो, वह इस सामुदायिक ब्लॉग से जुड़कर हिंदी लेखन को बढ़ावा दे. साथ ही ब्लोगर भाइयों में प्रेम और सद्भावना की बात भी पैदा करे. आप सभी लोंगो के प्रेम व विश्वाश के बदौलत इस मंच ने अल्प समय में ही अभूतपूर्व सफलता अर्जित की है. आपसे अनुरोध है की समय निकलकर एक बार अवश्य इस मंच पर आये, यदि आपको मेरा प्रयास सार्थक लगे तो समर्थक बनकर अवश्य हौसला बुलंद करे. हम आपकी प्रतीक्षा करेंगे. आप हमारे लेखक भी बन सकते है. पर नियमो का अनुसरण करना होगा.
भारतीय ब्लॉग लेखक मंच
नमस्कार
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