तेरे पहलू में अब मेरी दुनिया नहीं है
नजरों ने तेरी कुछ ऐसी बात कही है
तुम मेरे अदब को मजबूरी समझ बैठे
वो बन गया झूठ जो बात तब से सही है
खामोश थे लव अब तक पता नहीं क्यूं
अब जाकर तो हमने कुछ बात कही है
अगर तुम समझते हो खुद को खुदा
तो हम भी तुमसे जरा भी कम नहीं हैं
तुम्हें अपनी अदाओं पर होगा घमंड
हमें तो अपने इरादों पर बहुत फख्र है
तुम बदल गए जमाने की रफ्तार में
आदतों में जहां थे तब, आज भी वहीं हैं
नजरों ने तेरी कुछ ऐसी बात कही है
तुम मेरे अदब को मजबूरी समझ बैठे
वो बन गया झूठ जो बात तब से सही है
खामोश थे लव अब तक पता नहीं क्यूं
अब जाकर तो हमने कुछ बात कही है
अगर तुम समझते हो खुद को खुदा
तो हम भी तुमसे जरा भी कम नहीं हैं
तुम्हें अपनी अदाओं पर होगा घमंड
हमें तो अपने इरादों पर बहुत फख्र है
तुम बदल गए जमाने की रफ्तार में
आदतों में जहां थे तब, आज भी वहीं हैं
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